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दमोह के क्रिश्चियन कॉलोनी में 12 बच्चों को दी जा रही थी ईसाई धर्म की शिक्षा, दो आरोपियों पर प्रकरण दर्ज

दमोह,01 फरवरी(इ खबर टुडे)। दमोह शहर के क्रिश्चियन कॉलोनी में एक मकान पर 12 नाबालिग बच्चे मिलने के मामले में दो आरोपियों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। बुधवार की रात यहां पुलिस, महिला बाल विकास और बाल कल्याण आयोग की टीम ने छापा मारा था। शुक्रवार को दमोह पहुंचे मध्य प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओमकार सिंह ने बताया कि मकान में अवैध छात्रावास संचालित किया जा रहा था।

जिसमें प्रवीण शुक्ला नाम के व्यक्ति द्वारा 12 बच्चों को रखा गया था। इनमें 1 बच्चा मंडला का और 11 बच्चे झाबुआ के हैं जो सभी नाबालिग हैं। इन बच्चों को 18 साल के होने पर धर्मांतरण करने के उद्देश्य से रखा गया था और ईसाई धर्म की शिक्षा भी दी जा रही थी, जिसके प्रमाण के रूप में ईसाई धर्म से संबंधित पुस्तकें भी मिली हैं। प्रवीण शुक्ला और उसकी सहायक अनामिका क्रोजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिसमें पुलिस ने धारा 143(3), 143(4), 3/5 धार्मिक स्वतंत्रता, किशोर न्याय अधिनियम 42,75, 3,2,5 एससीएसटी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

आयोग के सदस्य ओमकार सिंह ने बताया कि इन बच्चों का प्रवेश नवजागृति स्कूल में कराया गया था और प्रवेश के लिए बच्चों के अभिभावकों की जगह प्रवीण एवं एवं उसके बेटे प्रणय उर्फ शनि के हस्ताक्षर मिले हैं, जिसकी जांच कराई जा रही है। प्रवीण धर्मांतरित होकर ईसाई शिक्षा से बच्चों को जोड़ रहा है जिन बच्चों को दमोह लाया गया है, उसमें उनके गांव से नेटवर्क जोड़ा गया था। जबकि आरटीई के तहत 3 किमी तक नजदीकी स्कूल में प्रवेश दिलाए जाने का प्रावधान है। जिसका भी उल्लंघन किया गया है।

बच्चों से कराया जाता था घरेलू काम
पूर्व बाल कल्याण समिति सदस्य अधिवक्ता दीपक तिवारी ने बताया कि उन्हें बच्चों द्वारा बताया गया है कि उनसे गाय का गोबर साफ कराया जाता था। कुत्ते की गंदगी साफ करवाई जाती थी, घर में साफ सफाई सहित अन्य घरेलू काम करवाए जाते थे और इसके बदले मजदूरी भी दी जाती थी।

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